कॉलेजों में पढ़ाई का स्तर गिर रहा है...शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाओ


- सेमिस्टर सिस्टम भी है दोषी
- विश्वविद्यालय अब दखल देगा
(अनुराग तागड़े)
इंदौर। यह विडंबना ही है कि जिस देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने कई होनहार विद्यार्थी दिए हैं वहीं पर अब विद्यार्थियों की पढ़ाई में रुचि कम होती जा रही है। लगातार कॉलेजों के रिजल्ट खराब आते जा रहे हैं और हालात यह है कि विद्यार्थियों को 5 अंक भी नहीं आ पा रहे हैैं। गिरते स्तर को लेकर विश्वविद्यालय अब नई नीति पर काम कर रहा है जिसमें विवि की टीम विभिन्न कॉलेजों में जाएगी। यह टीम अचानक किसी भी कॉलेज में पहुंच सकती है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि इस प्रकार से सभी कॉलेजों पर दबाव पड़ेगा और वे शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देंगे। इसका असर परीक्षा के परिणामों पर पड़ेगा।
सेमिस्टर सिस्टम के कारण सिस्टम बिगड़ा?
विश्वविद्यालय के परीक्षा और परिणाम का ढर्रा गत कुछ वर्षों से बिगड़ा हुआ है। समय पर परीक्षा न होना और रिजल्ट नहीं लगने की समस्याएं लगातार आती रहीं। सेमिस्टर सिस्टम के कारण भी यह समस्या थी जिसके कारण पढ़ाई का स्तर भी गिरा और रिजल्ट भी खराब आए हैं।
75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित हो
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबंधित सभी कॉलेजों में 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए परंतु वर्तमान हो यह रहा है कि सभी निजी कॉलेजों में 75 प्रतिशत उपस्थिति पर ध्यान नहीं दिया जाता और निजी कॉलेजों ने इसे भी कमाई का माध्यम बना लिया है। परीक्षा के पहले विद्यार्थियों को यह कहा जाता है कि आपकी उपस्थिति कम है अत: आप परीक्षा में नहीं बैठ सकते अगर आप फलां फीस भर दें तो आपको हम परीक्षा में बैठने की अनुमति दे सकते हैं। इस प्रकार कॉलेज फीस के अलावा इस तरह से अलग कमाई भी करते हैं। विद्यार्थियों को इस बात का डर ही नहीं रहता की उनकी उपस्थिति निर्धारित प्रतिशत से कम है क्योंकि वे पैसा भरकर अपनी उपस्थिति के प्रतिशत को बढ़ावा लेंगे।
शिक्षकों की गुणवत्ता का क्या?
विश्वविद्यालय से संबंधित सभी निजी कॉलेजों में शिक्षकों की गुणवत्ता पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता। निजी कॉलेज पैसा बचाने के चक्कर में निर्धारित मापदंडों की अवहेलना करते हैं और अपने ब्रोशर आदि में ऐसे शिक्षकों के नाम व फोटो दे देते है जिनके पास डिग्री है और निर्धारित मापदंड के अनुसार वे सिखा सकते हैं, ऐसे शिक्षकों केवल नाम दिखाने के लिए रखा जाता है।
विवि प्रतिवर्ष शिक्षकों की गुणवत्ता की जांच करे
अगर विश्वविद्यालय को अपना परिणाम सुधारना है तो प्रतिवर्ष निजी कॉलेजों के लिए भी रिफ्रेशर कोर्स आरंभ करना चाहिए जिसमें विषय से संबंधित विशेषज्ञ शिक्षकों को जानकारी दे और उनके स्तर को भी जांचे ताकि यह पता चल सके कि वे सही मायने में कॉलेज स्तर के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सक्षम है या नहीं।
विवि की साख दांव पर लगी है
एक जमाना था जब देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की गिनती देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक में होती थी परंतु गत दस वर्षों में संपूर्ण ढर्रा ही बिगड़ चुका है। विवि ने कई प्रयोग भी करके देख लिए जिसमें कुलपति को बदलने की बात भी सामने आई थी। फिर यह मांग भी उठी थी कि स्थानीय कुलपति होने से विव को लाभ होगा और वर्तमान में उसी पर कार्य हो रहा है पर ढर्रा इतना बिगड़ चुका है कि कुलपति कितनी जगहों पर काम करेंगे।
सांस्कृतिक आयोजनों की जगह शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दें
देवी अहिल्या विवि में गत दो वर्षों से बड़े आयोजन किए जा रहे हैं और आयोजन होते भी रहना चाहिए पर विवि को सबसे पहले अपने शैक्षणिक कैलेंडर पर ध्यान देना चाहिए और उसके बाद पढ़ाई के स्तर को सुधारने के प्रयास करना चाहिए। परंतु हो यह रहा है कि विवि सांस्कृतिक कार्यक्रमों की ओर ज्यादा ध्यान देता है और पढ़ाई की तरफ कम।

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