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गजक गराडू वाली ठंड

(अनुराग तागड़े) ठंड का मौसम याने खानपान का मौसम और इस मौसम में इंदौरियत बिल्कुल शबाब पर रहती है। खालिस इंदौरी लोगों की बात की जाए तो सही मायने में यह गजक गराडू वाला मौसम अपने आप में तरावट लाने वाला होता है। सामान्य दिनों में घर पर खाना खाने के बाद ठंड का मजा लेने के लिए बाहर निकले और गरम दूध के कढ़ाव में से एक गिलास गरमा गरम दूध और उसमें एक दोना रबड़ी का डालकर राजवाड़े के आसपास घूमने का जो सुख है वह असली इंदौरी को ही समझ आ सकता है। हम इंदौरी ऐसे ही हैं हमें गराडू, गजक खाना बहुत पसंद है और हम देर रात तक सराफे में डेरा डालकर यह सब कुछ खाने में गौरवान्वित महसूस करते हैं। ठंड में तो गरमा गरम जलेबी का स्वाद और भी बढ़ जाता है। ठंड सही समय पर निर्धारित मात्रा में ठंडक लेकर आ जाती है तब सही मायने में मौसम सुहाना हो जाता है। चौराहों पर अलाव जला कर बैठे लोगों के साथ हम भी हाथ सेंक कर गरमाहट ले लेते हैं। दरअसल ठंड याने सुबह के समय के बेहतरीन नाश्ते से लेकर देर शाम आलू की कचोरी प्याज की चटनी के साथ और फिर देर शाम तक यूं ही खानपान का दौर चलता ही रहता है। मूल मुद्दा यह है कि हम खानपान को लेकर हम जब...