खुश है जमाना आज पहली तारीख है
अब शाम को नहीं गूँजती रेडियो सिलोन की आवाज सुबह से ही परदेस से बजते थे हिन्दी गाने (अनुराग तागड़े) ये रेडियो सिलोन है ... आवाज की दुनिया के दोस्तो फरमाईश आई है झुमरी तलैया से ... भेजने वाले हैै राजू, दीपक, मुन्नाी और ... आईए सुनते है किशोर कुमार का गाया यह गाना। वर्षो तक भारतीय दर्शकों को श्रीलंका से मीठे गीतों को चासनी परोसने वाला रेडियो सिलोन इन दिनों खुद कड़वे दिन देख रहा है। सालाना करीब 2 करोड़ रूपए खर्च उठाने की हिम्मत अब रेडियो सिलोन की हिन्दी सेवा के पास नहीं रह गई हैं। इस कारण गत वर्ष 1 मई से शाम की सभा 7 से 9 बंद कर दी गई और केवल प्रात:कालीन सभा 5:55 बजे से 8:30 को जारी रखा गया है। अगर इसके श्रोताओं ने खुद पहलकर कोई कदम नहीं उठाया तो हो सकता है कि हिन्दी सेवा पूरी तरह बंद ही हो जाएँ। यह बात अजीब भी लगती है कि श्रीलंका जैसे देश में जहँा हिन्दी भी कोई नहीं बोलता वहाँ से लगातार इतने वर्षों तक रेडियो सिलोन ने भारतीय श्रोताओं का मनोरंजन किया। भारतीय सिनेमा के लगभग 80 वर्षों के इतिहास को अपने आप में समेटे रेडियो सिलोन की सेवाएँ जारी रखने के प्रयास भारत से भी हो रहे है। रेडियो सिलोन...