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तेज गति से उड़ान भरेगा सिविल एविशन क्षेत्र

 -भारत में सिविल एविशन के 100 वर्ष भारतीय सिविल एविएशन 18 फरवरी को 100 वर्ष पूर्ण कर रहा है। सरकार ने वर्ष 2011-12 को सिविल एविएशन शताब्दी वर्ष घोषित किया है। इसी दिन भारत में पहला विमान 1911 में इलाहाबाद से नैनी के बीच में उड़ा था। इसके बाद भारत में एविएशन के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है। वर्तमान में  भारत का विश्व में 9 वां क्रम आता है बाजार मूल्य के अनुसार और विशेषज्ञों की माने तो वर्ष 2020 तक विश्व के तीन प्रमुख बाजारों में भारत का नाम आने लगेगा। वर्षभर सरकार द्वारा विभिन्न् कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। राइट बंधु और विमानन की कहानी आज तो प्रतिदिन हजारों विमान उड़ान भरते हैं और पायलट हर तरह के हैरतंगेज कारनामों को करके दिखाते हैं। एक मशीन में बैठकर उडना और ऊपर से पृथ्वी को देखना सबके लिए रोमांचित करनेवाला अनुभव होता है। राइट बंधुओं ने अपनी लगन और मेहनत के दम पर वह कर दिखाया जिसके सपने मानव चिरकाल से देखता रहा था और जिसे सच साबित करने के लिए न जाने कितने ही मेधावी और दुस्साहसी युवकों को अपने प्राण गंवाने पड़े। दुनियावालों की नजरों से दूर बिना किसी यश या धन प्राप्

जीवन के तत्व को समझो!

बचपन ... पढ़ाई ... करियर ... शादी  ... बच्चे ... करियर ... शादी ... बुढापा ... मृत्यु!  क्या जीवन की इस धारा से कुछ सीखा। जीवन तत्व क्या है इसे समझने का प्रयत्न किया। अधिकांश लोग उत्तर देंगे समय ही नहीं मिला धर्म और आध्यात्म की ओर ध्यान देने का, क्योंकि जिंदगी भागे जा रही है दो मिनट सोचने का भी वक्त नहीं हैै। थोडा समय मिलता है तो सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन, बच्चों की ओर ध्यान देना ओर न जाने क्या क्या? दरअसल समय की तेज धार इस कलयुग में जरा ज्यादा ही तेज हो गई है वह व्यक्ति को खुद से भुलाने के लिए व्यस्त रखती है और व्यक्ति को माया के बंधन में इतना बांध देती है कि व्यक्ति जीवन का अर्थ उसे ही समझ बैठता है।  अधिकांश लोग पैसा सबकुछ नहीं पर बहुत कुछ है कहने वाले है, परंतु क्या कभी सोचा है कि अमीर और बहुत अमीर लोग पैसा प्राप्त करने के बाद संन्यासी हो जाते है या वे ये कह देते है कि भाई बस अब बहुत हो चुका अब मुझे पैसा नहीं चाहिए। ऐसा क्यंों नहीं होता? जबकि, गरीब व्यक्ति कितना भी गरीब होता जाए उसे फर्क नहीं पड़ता थोड़े और बहुत गरीब में ज्यादा अंतर नहीं होता। अंतर आता है तो केवल