कलाकार के साथ उसके परिवार के संघर्ष को भी देखे

कलाकार के साथ उसके परिवार के संघर्ष को भी देखे
- असफलता जितनी जल्दी मिले कलाकार उतनी जल्दी सत्य से सामना करता है
- भाऊ कदम के ’कदम’आज भी जमीं पर
(अनुराग तागड़े)
इंदौर। कलाकार अलग माटी के बने होते है और ख्यात अभिनेता और बेहतरीन इंसान भाऊ कदम बिल्कुल अलहदा व्यक्तित्व के धनी है। सानंद फुलोरा के अंतर्गत सुवर्ण मराठी कार्यक्रम में प्रस्तुति देने शहर आए भाऊ कदम जिंदगी की सच्चाई को बेहद करीब से जानते है इस कारण वे सिटी भास्कर से विशेष साक्षात्कार के दौरान यह जरुर कहते है कि सफलता अपने साथ जिम्मेदारी लाती है और मुझे इस बात का एहसास है। आज भी परिवार की खातिर अभिनय छोड़ नौकरी करने की इच्छाशक्ति रखने वाले इस कलाकार पर स्टारडम बिल्कुल भी हावी नहीं है और सही मायने में उनके कदम आज भी जमीं पर ही है। भाऊ कदम ने विभिन्न मुद्दो पर बात की:
टाइमिंग और इम्प्रोवाईजेशन में ध्यान रखना बेहद जरुरी:
भाऊ कदम ने कई मराठी फिल्मों और धारावाहिको में काम किया है और वर्तमान में जी मराठी के प्रसिद्ध शो चला हवा येऊ द्या में प्रमुख भूमिका निभा रहे है। भाऊ कदम के अभिनय अलग है और कॉमेडी में टाईमिंग और इम्प्रवोवाईजेशन के मुद्दे पर वे बोले कि कॉमेडी किरदार करते समय सबसे महत्वपूर्ण टाईमिंग है और अगर आपने टाईमिंग की कला को साध लिया तब अभिनय करना ओर आसान हो जाता है। अभिनय के दौरान इम्प्रोवाईजेशन के मुद्दे पर भाऊ का मानना है कि आप जिस कलाकार के साथ अभिनय कर रहे है पहले उसके साथ आप कहां पर इम्प्रोवाईज्ड कर रहे है यह जरुर बता दे अगर वह इसे लेकर सहज है तब ही करे। भाऊ ने यह भी कहा कि अक्सर यह होता है कि स्टारडम प्राप्त कलाकार अपने अभिनय को ही सर्वोच्च मानकर चाहे जहां इम्प्रोवाईज करते है जिसके कारण नाटक पर असर पड़ता है। आपने कहा कि प्रत्येक कलाकार को अपने साथी वरिष्ठ कलाकार का सम्मान करते हुए अभिनय करना चाहिए भले ही आप कितने भी प्रसिद्धि हो।
कलाकार ने स्ट्रगल के दौरान वड़ा पाव खा कर दिन बिताएं पर परिवार का क्या?
अभिनय के क्षेत्र में खूब संघर्ष है और प्रत्येक कलाकार को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। आपने कहा कि कई साक्षात्कारों में यह पढ़ने मिलता है कि फलां कलाकार ने दिन में एक वड़ा पाव खाकर मुंबई में दिन गुजारे पर कोई यह नहीं पता करता कि एक कलाकार का संघर्ष उसके अकेले का नहीं बल्कि उसके साथ उसके परिवार का भी संघर्ष होता है। आज के युवा कलाकार स्ट्रगल करना चाहते है पर यह स्ट्रगल केवल जगह जगह स्क्रीन टेस्ट का ही होता है वे केवल एक ही तरह के संवाद रटकर जाते है। आपने कहा कि कलाकार को जितनी जल्दी सच्चाई से सामना हो जाए उतना अच्छा है। 
डाटा एंट्री अॉपरेटर की नौकरी भी की
 भाऊ ने बताया कि उन्हें रंगमंच से बेहद लगाव था पर अपने शौक को उन्होंने शौक ही रहने दिया और जब तक पिताजी थे तब तक ठीक परंतु पिताजी के जाने के बाद परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी तब डाटा एंट्री अॉपरेटर की नौकरी भी की और कभी चार महीने की नौकरी की और साथ में रंगमंच भी किया। एक समय ऐसा आ गया था जब मैंने यह ठान लिया था कि अभिनय छोड़ पहले नौकरी करुंगा और परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाउंगा। परिवार से एक वर्ष का समय मांगा और फिर धीरे धीरे सफलता मिलने लगी। सभी को यह जानना बेहद जरुरी है कि एक सफल कलाकार आपको टीवी स्क्रीन पर नजÞर आता है पर उसके संघर्ष के साथ उसके परिवार ने भी खूब संघर्ष किया रहता है इस कारण वह आज स्क्रीन पर नजर आ रहा है।

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