दिल बोले मनी मनी...
पैसा किसे नहीं अच्छा लगता और आज के इस भौतिक युग में पैसे के बिना कुछ भी नहीं चलता। सबसे बड़ा रुपैय्या ही होता है यह आजकल युवा पीढ़ी से लेकर प्रत्येक व्यक्ति जानता है। पैसा जरुरत है, पैसा बिना कुछ नहीं हो सकता और अगर पैसा है तो सबकुछ हो सकता है। जमीन जायदाद तो ठीक पैसा हो तो भगवान के मंदिर में भी जल्दी नम्बर लग जाता है। पैसो से सुख, प्यार, संबंध, खरीदे नहीं जा सकते यह कहना अब ओल्ड फैशन बन चुका है। क्योंकि, अब सकारात्मक भावनाओं को भी पैसों का दीमक लग चुका है। अगर पैसा है तो सब कुछ है, वरना आपको कोई नहीं पूछता चाहे नाते, रिश्तेदार ही क्यों न हो? समाज में आपकी इज्जत है तो वह अच्छा पैसा होने के कारण और बढ़ेेगी। पैसे ने संबधों को बिगाड़ा, व्यक्ति को स्वार्थी बनाया, समाज में अमीर और गरीब का अंतर बढ़ाया, फिर भी पैसा बोलता है ... और अपने लिए अच्छाईयां खरीदना भी जानता है। आखिर पैसे से मोह होना न तो गलत है और न पैसा कमाना ही! ... पैसा जोड़ना भी गलत नहीं और पैसा खर्च करना भी गलत नहीं। पैसे में एक अलग तरह का आकर्षण है, यह चुंबकीय आकर्षण केवल इस कारण ही है कि पैसे से सबकुछ खरीदा जा सकता है। इस बेहद आकर्षक और जरुरी समझे जाने वाले पैसे को जरा और करीब से जानते है कि आखिर पैसा क्या कर सकता है और इसके ज्यादा होने से क्या होता है?
पैसा ये पैसा
ढेर सारा पैसे पाने के सपने हर व्यक्ति देखता है। परंतु काफी कम लोग ही होते है जो इस सपने का पीछा करते है। दरअसल, पैसा पाने की पहली सीढ़ी सपना ही है। व्यक्ति सपने में सोचता है कि उसके पास इतना पैसा हो कि वह अपने मन में जो भी आए वह कर सके! ... खूब घूमे, खाए पिएँ, दान धर्म करे, गाड़ी-बँगला खरीदे बच्चों को महँगे स्कूलो में डाले और बहुत कुछ करे। पैसा पाने की प्यास अंतहीन है, उसे खर्च करने की लालसा भी उतनी ही अंतहीन है, इसका कोइ ठौर नहीं। पर, कहते है कि पैसा पाने की इच्छा जरुर होना चाहिए, क्योंकि दुनिया में ढेर सारा पैसा है और उसे आप कमा सकते है। इस कारण सबसे पहले पैसा पाने की इच्छा जरुर करना चाहिए और मन में यह जरुर ठान लेना चाहिए कि मैं इस लायक हूँ कि मुझे इतना पैसा मिले बाकी काम आकर्षण के नियम पर छोड़ दे। आकर्षण का नियम कहता है कि जब आप किसी वस्तु के प्रति आकर्षण का भाव रखेंगे तभी उसे पा सकेंगे। इस कारण पैसा भी पाना है तो सबसे पहले उसके प्रति आकर्षित हो जाइए।
पैसा सभी समस्याओं की जड़ है?
कई लोगों द्वारा यह कहा गया है कि पैसा ही सभी समस्याओं की जड़ है। अगर पैसे के प्रति आसक्ति नहीं रखोगे तो सभी समस्याओं का हल हो जाएगा? पर क्या यह संभव है? जरा अपने दिल में झांक कर देखिए? बिना पैसे के क्या रह पाएँगे? पैसे को समस्याओं की जड़ बताकर अगर सभी लोग पैसे से वैराग्य भाव रखने लगे तब दुनिया की आर्थिक व्यवस्था कैसे चल पाएगी? इस कारण पैसे को समस्याओं की जड़ की अपेक्षा सभी समस्याओं का हल मान लेना सकारात्मक प्रवृत्ति कही जाएगी। इस कारण पैसे से प्यार करना सीखे।
ये नहीं कर सकता पैसा?
कहा जाता है कि पैसा परिवार,मित्र, खुशी, शांति, अमरत्व, बुद्धि, प्यार, चरित्र आदि नहीं खरीद सकता। पर आज के परिप्रेक्ष्य में देखा जाएँ तब परिस्थितियां ही ऐसी है कि अमरत्व कोई नहीं चाहता, बल्कि जिंदगी के हर पल को वह पूरी जिंदगी की तरह जीना चाहता है। व्यक्ति के आनंद और सुख की परिभाषा भी बदल गई है। चरित्र की बातें किताबों में और दूसरों को ज्ञान देने के लिए रह गई है। शांति के लिए व्यक्ति 15 दिनें की छुट्टी लेकर उसे ऋषिकेश के आश्रमों में ढूंढ लेता है, उस शांति को वह वही रहने देता हैै और फिर अपने काम पर जुट जाता है। परिवारों में भी संबंधों को पैसे से तौला जाने लगा है। जब परिवारों में ही संबंधों को पैसे के नजरिए से देखा जाने लगा है, तब मित्रता के क्या कहना! आज से कुछ साल पहले तक कहा जाता था कि पैसा सबकुछ नहीं होता! पर, आज इसके साथ यह भी बोला जाने लगा है कि सबकुछ न सही पर ... पैसा से बहुत कुछ होता है!
कैसे खर्च करें, यह समस्या
पैसा पाने की तमन्न्ा सभी में होती है, परंतु दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी है जिन्हें यह समस्या है कि पैसा कहाँ और कैसे खर्च करे? दुनिया की वैभवशाली वस्तुओं को खरीदकर वे पैसा खर्च करने की आदत को बनाएँ रखते है। इन लोगों के पास इतना अधिक पैसा है कि वे बेशकीमती वस्तुओं की तलाश में ही रहते है और खास बात यह कि ये लोग अमीर होने के साथ साथ समाज कार्य का कार्य भी उतनी ही शिद्दत के साथ करते है।
इतनी महँगी वस्तुएँ भी खरीदते है
'टाईम" पत्रिका ने दुनियाभर में महँगी वस्तुएँ खरीदने वालों की सूची बनाई है। इसमें अरबों रुपयों की ऐसी वस्तुएँ लोगों ने खरीदी, जिनके बारे में सामान्य व्यक्ति सपने में ही सोच सकता है।
1/ रुस के एंड्रे मेलिनेचेन्को अरबोपति है और उनकी इच्छा हुई कि अपने लिए एक निजी नाव होना चाहिए। लिहाजा उन्होंने 390 फुट लंबी नाव बनवाई जिसमे दुनियाभर की सुविधाओं को डाला गया। कीमत तीस करोड़ डॉलर।
2/ रुस के ही डिमिट्री रॉयबोलोव ने कुछ दिन पहले फ्लोरिडा के पॉम बीच स्थित डोनाल्ड ट्रम्प के 60 हजार स्क्वेयर फीट में फैले एक सुंदर मकान को खरीदा है। कीमत नो करोड़ पचास लाख डॉलर।
3/ न्यूयार्क में तीन कला प्रेमियों ने मिलकर ब्रिटिश कलाकार फ्रांसिस बेकोन केँ तीन चित्रों को आठ करोड़ 60 लाख डॉलर में खरीदा जो कि कला के क्षेत्र में हाल ही में लगाई बोलियों में सबसे ज्यादा है।
4/ 1961 में बनी फेरारी 250 जीटी को ब्रिटेन के रेडियो होस्ट क्रिस इवान्स ने एक करोड़ 9 लाख डॉलर में खरीदा।
5/ दुनिया का सबसे महँगा शर्ट : इटोन शर्ट कंपनी ने अपने 80 वें स्थापना दिवस पर 46 हजार डॉलर की शर्ट बनाई जिसमें हीरे लगे हुए थे।
6/ 200 डॉलर का बर्गर : ब्रिटेन में बर्गर किंग द्वारा 200 डॉलर का एक बर्गर बेचा जाता है। इसमें दुनिया के अलग-अलग देशों से मँगवाई गई वस्तुएँ डाली जाती है, जैसे इरान का केसर, पिंक हिमालयीन साल्ट आदि और खास बात यह कि इसे खाना अमीरों की आदत है।
7/ हांगकांग के द आर्क नामक अपार्टमेंट में 80 वी मंजिल पर स्थित पेंटहाउस को एशिया का सबसे महँगा पेंटहाउस माना गया है। इसमें स्वीमिंग पूल भी है और इसका दाम है 2 करोड़ 88 लाख डॉलर।
8/ महँगा वायलिन : 250 वर्ष पुराने वायलिन को रुस के एक अमीर वकील ने 39 लाख डॉलर में खरीदा।
आखिर क्या है पैसा?
पैसे को हम परिभाषा में बांध सकते है, परंतु उसे पाने की तमन्न्ा की कोई सीमा नहीं। पैसा बहुत कुछ है, पर एक सीमा पर जाकर अमीरों को भी वैराग्य भाव आने लगता है। इसी के साथ यह बात भी उतनी ही सही है कि जब तक वैभव की पराकाष्ठा तक नहीं पहुँच जाते तब तक वैराग्य भाव कैसे आ सकता है? कुछ लोग कह सकते है कि पैसा तुच्छ वस्तु है तथा उसके पीछे लगने की बजाए जितना भी भाग्य में हो उतना ही पैसा आपको मिल सकता है। पर कर्म प्रधान इस विश्व में एक बात अटल है कि आप भले ही आध्यात्म के सहारे पैसे की भूख को कम कर सकते है परंतु उसे दबा नहीं सकते आखिर दुनिया में जीना है तो पैसा तो लगेगा ही। - अनुराग तागड़े
पैसा ये पैसा
ढेर सारा पैसे पाने के सपने हर व्यक्ति देखता है। परंतु काफी कम लोग ही होते है जो इस सपने का पीछा करते है। दरअसल, पैसा पाने की पहली सीढ़ी सपना ही है। व्यक्ति सपने में सोचता है कि उसके पास इतना पैसा हो कि वह अपने मन में जो भी आए वह कर सके! ... खूब घूमे, खाए पिएँ, दान धर्म करे, गाड़ी-बँगला खरीदे बच्चों को महँगे स्कूलो में डाले और बहुत कुछ करे। पैसा पाने की प्यास अंतहीन है, उसे खर्च करने की लालसा भी उतनी ही अंतहीन है, इसका कोइ ठौर नहीं। पर, कहते है कि पैसा पाने की इच्छा जरुर होना चाहिए, क्योंकि दुनिया में ढेर सारा पैसा है और उसे आप कमा सकते है। इस कारण सबसे पहले पैसा पाने की इच्छा जरुर करना चाहिए और मन में यह जरुर ठान लेना चाहिए कि मैं इस लायक हूँ कि मुझे इतना पैसा मिले बाकी काम आकर्षण के नियम पर छोड़ दे। आकर्षण का नियम कहता है कि जब आप किसी वस्तु के प्रति आकर्षण का भाव रखेंगे तभी उसे पा सकेंगे। इस कारण पैसा भी पाना है तो सबसे पहले उसके प्रति आकर्षित हो जाइए।
पैसा सभी समस्याओं की जड़ है?
कई लोगों द्वारा यह कहा गया है कि पैसा ही सभी समस्याओं की जड़ है। अगर पैसे के प्रति आसक्ति नहीं रखोगे तो सभी समस्याओं का हल हो जाएगा? पर क्या यह संभव है? जरा अपने दिल में झांक कर देखिए? बिना पैसे के क्या रह पाएँगे? पैसे को समस्याओं की जड़ बताकर अगर सभी लोग पैसे से वैराग्य भाव रखने लगे तब दुनिया की आर्थिक व्यवस्था कैसे चल पाएगी? इस कारण पैसे को समस्याओं की जड़ की अपेक्षा सभी समस्याओं का हल मान लेना सकारात्मक प्रवृत्ति कही जाएगी। इस कारण पैसे से प्यार करना सीखे।
ये नहीं कर सकता पैसा?
कहा जाता है कि पैसा परिवार,मित्र, खुशी, शांति, अमरत्व, बुद्धि, प्यार, चरित्र आदि नहीं खरीद सकता। पर आज के परिप्रेक्ष्य में देखा जाएँ तब परिस्थितियां ही ऐसी है कि अमरत्व कोई नहीं चाहता, बल्कि जिंदगी के हर पल को वह पूरी जिंदगी की तरह जीना चाहता है। व्यक्ति के आनंद और सुख की परिभाषा भी बदल गई है। चरित्र की बातें किताबों में और दूसरों को ज्ञान देने के लिए रह गई है। शांति के लिए व्यक्ति 15 दिनें की छुट्टी लेकर उसे ऋषिकेश के आश्रमों में ढूंढ लेता है, उस शांति को वह वही रहने देता हैै और फिर अपने काम पर जुट जाता है। परिवारों में भी संबंधों को पैसे से तौला जाने लगा है। जब परिवारों में ही संबंधों को पैसे के नजरिए से देखा जाने लगा है, तब मित्रता के क्या कहना! आज से कुछ साल पहले तक कहा जाता था कि पैसा सबकुछ नहीं होता! पर, आज इसके साथ यह भी बोला जाने लगा है कि सबकुछ न सही पर ... पैसा से बहुत कुछ होता है!
कैसे खर्च करें, यह समस्या
पैसा पाने की तमन्न्ा सभी में होती है, परंतु दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी है जिन्हें यह समस्या है कि पैसा कहाँ और कैसे खर्च करे? दुनिया की वैभवशाली वस्तुओं को खरीदकर वे पैसा खर्च करने की आदत को बनाएँ रखते है। इन लोगों के पास इतना अधिक पैसा है कि वे बेशकीमती वस्तुओं की तलाश में ही रहते है और खास बात यह कि ये लोग अमीर होने के साथ साथ समाज कार्य का कार्य भी उतनी ही शिद्दत के साथ करते है।
इतनी महँगी वस्तुएँ भी खरीदते है
'टाईम" पत्रिका ने दुनियाभर में महँगी वस्तुएँ खरीदने वालों की सूची बनाई है। इसमें अरबों रुपयों की ऐसी वस्तुएँ लोगों ने खरीदी, जिनके बारे में सामान्य व्यक्ति सपने में ही सोच सकता है।
1/ रुस के एंड्रे मेलिनेचेन्को अरबोपति है और उनकी इच्छा हुई कि अपने लिए एक निजी नाव होना चाहिए। लिहाजा उन्होंने 390 फुट लंबी नाव बनवाई जिसमे दुनियाभर की सुविधाओं को डाला गया। कीमत तीस करोड़ डॉलर।
2/ रुस के ही डिमिट्री रॉयबोलोव ने कुछ दिन पहले फ्लोरिडा के पॉम बीच स्थित डोनाल्ड ट्रम्प के 60 हजार स्क्वेयर फीट में फैले एक सुंदर मकान को खरीदा है। कीमत नो करोड़ पचास लाख डॉलर।
3/ न्यूयार्क में तीन कला प्रेमियों ने मिलकर ब्रिटिश कलाकार फ्रांसिस बेकोन केँ तीन चित्रों को आठ करोड़ 60 लाख डॉलर में खरीदा जो कि कला के क्षेत्र में हाल ही में लगाई बोलियों में सबसे ज्यादा है।
4/ 1961 में बनी फेरारी 250 जीटी को ब्रिटेन के रेडियो होस्ट क्रिस इवान्स ने एक करोड़ 9 लाख डॉलर में खरीदा।
5/ दुनिया का सबसे महँगा शर्ट : इटोन शर्ट कंपनी ने अपने 80 वें स्थापना दिवस पर 46 हजार डॉलर की शर्ट बनाई जिसमें हीरे लगे हुए थे।
6/ 200 डॉलर का बर्गर : ब्रिटेन में बर्गर किंग द्वारा 200 डॉलर का एक बर्गर बेचा जाता है। इसमें दुनिया के अलग-अलग देशों से मँगवाई गई वस्तुएँ डाली जाती है, जैसे इरान का केसर, पिंक हिमालयीन साल्ट आदि और खास बात यह कि इसे खाना अमीरों की आदत है।
7/ हांगकांग के द आर्क नामक अपार्टमेंट में 80 वी मंजिल पर स्थित पेंटहाउस को एशिया का सबसे महँगा पेंटहाउस माना गया है। इसमें स्वीमिंग पूल भी है और इसका दाम है 2 करोड़ 88 लाख डॉलर।
8/ महँगा वायलिन : 250 वर्ष पुराने वायलिन को रुस के एक अमीर वकील ने 39 लाख डॉलर में खरीदा।
आखिर क्या है पैसा?
पैसे को हम परिभाषा में बांध सकते है, परंतु उसे पाने की तमन्न्ा की कोई सीमा नहीं। पैसा बहुत कुछ है, पर एक सीमा पर जाकर अमीरों को भी वैराग्य भाव आने लगता है। इसी के साथ यह बात भी उतनी ही सही है कि जब तक वैभव की पराकाष्ठा तक नहीं पहुँच जाते तब तक वैराग्य भाव कैसे आ सकता है? कुछ लोग कह सकते है कि पैसा तुच्छ वस्तु है तथा उसके पीछे लगने की बजाए जितना भी भाग्य में हो उतना ही पैसा आपको मिल सकता है। पर कर्म प्रधान इस विश्व में एक बात अटल है कि आप भले ही आध्यात्म के सहारे पैसे की भूख को कम कर सकते है परंतु उसे दबा नहीं सकते आखिर दुनिया में जीना है तो पैसा तो लगेगा ही। - अनुराग तागड़े
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