वेक अप राज...

राज ठाकरे अब तो जाग जाओं...संकीर्ण विचारधारा वाले इस नेता ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ खूब विष वमन किया है और अब भी जारी है। फिल्म वेक अप सिड में बाम्बे को मुम्बई करवाने के लिए उसने फिल्म के निर्माता करण जौहर को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। दरअसल राज ठाकरे की राजनैतिक मजबुरी कहे या भड़ास उसे उत्तर भारतीयों के प्रति दुर्भावना रखना ही पडेगी तभी तो राज ठाकरे की दुकान चलेगी। आखिर भाषा और प्रांत को लेकर इतना झगड़ा वे क्यों मचा रहे है और आखिर इसका फायदा उन्हें क्या मिलेगा? उत्तर भारतीयों को गाली देने में राज को खुब मजा आता है और वे अक्सर इस प्रकार की हरकते करते रहते है पर फिल्मवालों के साथ करने का मजा उन्हें जरा ज्यादा ही आता है क्योंकि इस कारण मीडिया ध्यान खुब जाता है और उनकी पार्टी को तथाकथित लोकप्रियता भी मिल जाती है। पर अब राज ठाकरे को जगाने का समय आ गया है उन्होंने वेक अप सिड फिल्म को लेकर आपत्ती दर्ज की थी पर असल में अब वेक अप राज कहने का समय आ गया है। राज ठाकरे जिस संकीर्ण मानकिता के साथ राजनीति कर रहे है वह लंबे समय तक नहीं चल सकती। आज लोग इतने समझदार तो हो ही गए है कि गुंडागर्दी की राजनीति को वे बिल्कुल भी पसंद नहीं करते। जहां तक उत्तर भारतीयों का प्रश्न है केवल मुम्बई हीं नहीं अन्य शहरों में भी अब कास्मो कल्चर आता जा रहा है और इस कास्मो कल्चर को जन्म देना वाला मुम्बई ही है जिसने तब कास्मो कल्चर की कल्पना की थी जब उसका नाम बाम्बे था। बाम्बे से मुम्बई हो जाने से उसकी आत्मा नहीं बदल गई। आज भी बड़ी संख्या में पुरे देश से लोग मुम्बई अपनी किस्मत को जगाने के लिए जाते है और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। राज ठाकरे केवल अपनी दादागिरी के बल पर अपने चाचा बाळ ठाकरे की तर्ज पर अपना अलग स्थान बनाना चाहते है पर राज और बाळ ठाकरे में काफी अंतर है । सबसे बड़ा अंतर तो दोनों की बौद्धिक स्तर का है। जहाँ एक और बाळ ठाकरे न केवल एक अच्छे कार्टूनिस्ट व लेखक है वही राज केवल आक्रमक तरीके से बोलना भर जानते है उनके पास किसी भी प्रकार का चिंतन नहीं है। राज को वर्तमान में महाराष्ट्र के कुछ हिस्सो में जो भी समर्थन मिल रहा है वह केवल शिवसेना से अलग हुए लोगों का ही है। कुलमिलाकर राज ठाकरे के लिए महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी से उनकी लोकप्रियता और उन्हें मिलने वाले असल वोट के अंतर को समझा जा सकेगा।




- अनुराग तागड़े

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