कोई चप्पल जुते क्यो ना मारे इन दीवानो को?
कोई चप्पल जुते क्यो ना मारे इन दीवानो को? (अनुराग तागड़े) दीवानो का क्या है कुछ भी कहते रहते है...अब अपने आडवाणीजी को ही े ीजिए पाकिस्तान में जाकर इन्होंने अपना ोहा ग वाया था (भाजपा आडवाणी को ौह पुरुष के रुप में ोजेक्ट कर रही है) उस कारण उन्हें अब जाकर खडाउ खाने को मि ी। आडवाणी के अ ावा अब तक बुश,चिदंबरम,जिंद को भी जूते खाने को मि े है। एक बात इन सभी में एक जैसी है कि फेंकने वा ा का निशाना सही नहीं रहा। शायद कुछ दिनो बाद पार्टिया चप्प जुते खाने से कैसे बचे इसके विशेष शिक्षण सत्र भी आयोजित करने गे। वही आम जनता जुते या चप्प मारने की ेक्टिस कर इसका योग करे तो परिणाम भी उनकी इच्छाअनुरुप हो सकते है। खैर इन सत्ता के दीवानो को अब जुते चप्प खाने की आदत हो जाएगी। पार्टियो के विशेष शिक्षण सत्रो में क्रिकेटरो को बु ाकर कैच पकडने की ेक्टिस भी करवाई जाएगी और जुते चप्प े पड़ने वा े नेता को सि ब्रिटी की तरह देखा जाने गेगा। दरअस संपूर्ण मस े पर गंभीरता से विचार किया जाए तो यह साफ नजर आ रहा है कि हम ोकतंत्र में रह रहे है परंतु हमें अपनी भावनाओं के गटीकरण करने के ि ए मौके नहीं मि ते है ...