स्विस राग को सुनना आसान, बजाना कठिन

स्विस राग को सुनना आसान, बजाना कठिन
- स्विस बैंक खातों को ेकर भ्रम
ज्यादा- सामान्य बैंकों की तरह काम करती है स्विस
बैंके

(अनुराग तागड़े)
भारतीय जनता पार्टी के सितारा चारकों को शायद यह कहा गया है कि उन्हें बार बार जनता के सामने स्विस राग आ ापना है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ा कृष्ण आडवाणी से ेकर सुषमा स्वराज तक सभी दूर स्विस बैंक में जमा का े धन को ेकर बाते कर रहे है। जानकारों के अनुसार भारतीयो का स्विस बैंक में गभग 70 ाख करोड़ रुपए जमा हैै। अगर इतना धन जमा है तो भाजपा को अब तक इस बात की जानकारी नहीं थी और क्यों एन चुनाव के मौके पर ही भाजपा ने स्विस राग आ ापना आरंभ कर दिया।दरअस भाजपा इसे शुद्ध रुप से चुनावी मुद्दा ही बनाना चाहती है। देश में अब मंदी के असर को देखा जा सकता है और इसी के मद्देनजर अब आडवाणी कहते नजर आ रहे है कि अगर स्विस बैंक से पैसा भारत ाया जाता है तो भारत के अर्थव्यवस्था की गिनती विश्व के अग्रणी देशो में हो सकती है। स्विस बैंकों के भारतीय खातों में जमा रुपयों के बारे में हम भ े ही कितनी ही बाते करें, परंतु इस स्विस राग को सुनना आसान है बजाना कठिन यानीे हम बाते खूब कर सकते है परंतु वहाँ से पैसा निक वाना हमारे बस की बात नहीं।स्विस बैंके क्यों मानेंगी भारत की बात सबसे पह ा श्न यही उठता है कि स्विस बैंके भारत सरकार की बात क्यों मानेगी? इन बैंको का सेवाओं में सबसे बड़ा मुद्दा ही गोपनीयता का होता है। ऐसे में हम 70 ाख करोड़ रुपए भारत ाने की बात कर रहे है। यह केव दिवा स्वप्न के अ ावा ओर कुछ भी नहीं है और शुद्ध रुप से चुनावी हथकंडा है। यहाँ तक कहा जा रहा है कि धानमंत्री मनमोहन सिंह इस बारे में अंतराष्ट्रीय स्तर पर बात उठाए। क्या है स्विस बैंक अकाउंटस्विस बैंक अकाउंट के बारे में कई तरह की भ्रांतियां है। स्विट्जर ैंड काफी समृद्ध देश है तथा वहाँॅ फायनेंस सेक्टर का जीडीपी में 14 तिशत योगदान है। तथा इसमें 180,000 ोगो को रोजगार मि ा हुआ है। स्विट्जर ैंड में पैसा रखने के ि ए कई तरह के विकल्प मौजूद है। स्विस संसद द्वारा 1934 में बैंकिंग कानून को पास किया था जिसके अंतर्गत वे गोपनीयता बनाए रखते है। स्विस इंटरबैंक क् यरिंग के माध्यम से वहाँ मौजूद 408 बैंको में रुपयो का आदान दान विश्वभर में करता है। स्विस बैंको के ति ोगो की रुचि इस कारण भी ज्यादा है क्योंकि स्विटजर ैंड द्वारा विश्व युद्धो में भाग नही ि या था और न ही वह योरपीय यूुनियन का सदस्य बना था। इस कारण विश्वभर में स्विटजर ैंड की छवि एक अ ग राष्ट्र के रुप में होती है।स्विस बैंको के ये अकाउंट हैस्विस बैंके कई कार के अकाउंट की सुविधा देती है। जिसमें क् ासिक स्विस बैंक अकाउंट जिसे इंटरनेट के माध्यम से भी च ाया जा सकता है। ऑन ाईन स्विस बैंक अकाउंट( ये खासतौर पर विदेशी ोगो के ि ए है) इसे भी इंटरनेट के माध्यम से च ाया जा सकता है। ि मियम स्विस बैंक अकाउट 100 वर्षीय पुरानी बैंक स्विस बैंक द्वारा च ाए जाते है। यहाँॅ पर ंबे समय के ि ए पैसे रखे जाते है। स्विस केंटोन बैंक अकाउंट इसमें 100 तिशत डिपाजिट इंश्युरेंस है साथ ही इसे मात्र एक ई मे से भी आरंभ किया जा सकता है। स्विस नम्बर्ड अकाउंट वह है जिसमें सबसे ज्यादा गोपनियता बरती जाती है और सभी कार्य नम्बर के माध्यम से ही होते है। इसे आरंभ करने के ि ए काफी बड़ी राशी गती है।
अकाउंट्स को ेकर कई कार की भ्रांतिया है1। स्विस बैंक अकाउंट्स केव अरबपति ही खो सकते है : जबकि वस्तुस्थिती यह है कि कोई भी व्यक्ति स्विस बैंक अकाउंट आरंभ कर सकता है।2। स्विस बैंके ब्याज नहीं देती: स्विस बैंके न केव ब्याज देती है बल्कि वें बांड आदि भी ेती है तथा स्टाक मार्केट में भी पैसा गाती है।3। स्वयं जाना पडता है: फिल्मों व अन्य माध्यमों से आम जनता के मन में यह भ्रम है कि जब तक स्वयं स्विटजर ैंड नहीं जाते तब तक आप स्विस बैंक में खाता नहीं खो सकते। जबकि वस्तुस्थिति यह है कि आप एक ई मे से भी स्विस बैंक में खाता आरंभ कर सकते है।4. काफी खर्ची े है: यह बात भी सही नहीं है। बैंके पैसे रखने का कोई शुल्क नहीं ेती ओर न ही किसी कार की वार्षिक फीस ेती है। अगर आप नम्बर्ड पत्राचार करना चाहते है तब जरुर पैसे ेती है परंतु वह भी काफी मामु ी होता है।5 स्विस बैंक अकाउंट बंद करने में समस्या आती है: यह बात भी असत्य है। एक सामान्य बैंक खाते की तरह इसे बंद किया जा सकता है।6 अपराधियों को आकर्षित करते है: यह भी सही नहीं है। स्विस बैंके किसी भी खाते को आरंभ करने के पूर्व काफी जांच करती है तथा पैसा कहा से आ रहा है इस बात की जँाच जरुर होती है। खासतौर पर राजनितिज्ञो को ेकर काफी जांच होती है।7 नम्बर्ड खाते के बारे में किसी को नहीं पता होता है: स्विस बैंको के नम्बर्ड खाते जरुर काफी ोि य है। इसमें गोपनियता जरुर बरती जाती है परंतु बैंक मैनेजर व बैंक के मुख अधिकारियों को यह पता होता है कि खाता किसके नाम का है।कु मि ाकर स्विस बैंको में जमा का े धन को ेकर जो राजनीति हो रही है वह चुनाव तक सीमित है और कोई भी देश में मौजुद का े धन की बात नहीं कर रहा है। इन सभी बातो से किसी का फायदा हो न हो स्विस बैंको की ोि यता भारत में ओर भी बढ़ी हैै।

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