आतंकी घटना के बाद क्या हमें सजग नहीं हो जाना चाहिए?


- पुलिस को चेकिंग में गंभीरता बरतनी चाहिए
- बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर सावधानी बरतनी होगी
- होली के मद्देनजर भी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखना होगी
(अनुराग तागड़े)
इंदौर। भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में आतंकियों द्वारा किए गए विस्फोट के बाद संपूर्ण मालवा क्षेत्र फिर सिमी और अन्य संगठनों की रडार पर आ गया है। इंदौर, उज्जैन के अलावा बुरहानपुर व आसपास के क्षेत्र में सिमी व ऐसे ही अन्य संगठन काफी सक्रिय हैं यह सभी जानते हैं और लगातार इस प्रकार की खबरें आती रही हैं। अब तक इन संगठनों की उपस्थिति के बावजूद मालवा क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएं न के बराबर थीं...परंतु ट्रेन पर हमले के बाद अब संपूर्ण क्षेत्र में पुलिस और खुफिया तंत्र को सजग हो जाना चाहिए। सिमी संगठन के सफदर नागौरी व अन्य सदस्यों को उम्र कैद की सजा से इस घटना को जोड़ा जा रहा है और हो सकता है यह सही भी हो क्योंकि आनन-फानन में इस आतंकी घटना को अंजाम दिया गया है। 
बैरिकेड्स लगाकर हो रही पुलिस चेकिंग में गंभीरता बरती जाए
शहर के अलावा शहर की सीमाओं पर अक्सर पुलिस बैरिकेड्स लगाकर चेकिंग करती है। यह चेकिंग पॉइंट्स अब सभी को याद भी हो गए हैं याने पूवार्नुमान कोई भी लगा सकता है कि कहां पर बैरिकेड्स लगेंगे और कहां पर नहीं। पुलिस को लगातार इन पॉइंट्स को बदलने रखना चाहिए ताकि पूवार्नुमान न लगाया जा सके। इतना ही नहीं चेकिंग के दौरान गंभीरता से जांच करना जरूरी है खासतौर पर रेलवे स्टेशन और बस अड्डों के पास। बायपास से शहर में आने वाले सभी मार्गों पर लगातार चेकिंग होना ही चाहिए।
घटना के बाद भी सतर्कता नहीं
उज्जैन-भोपाल ट्रेन में कल आतंकियों ने विस्फोट किया और आज उज्जैन स्टेशन पर सुरक्षा जांच के नाम पर केवल कागजी खाना पूर्ति ही नजर आई। यात्रियों के बैग चेक करने के लिए लगी मशीन का उपयोग तो किया जा रहा था लेकिन वह पूरी तरह ऐच्छिक था। कुछ जागरूक यात्री स्वयं पहल कर बैग चेक करा रहे थे जबकि अधिकांश यात्री बिना जांच के ही ट्रेनों में सवार हो रहे थे। पुलिस किसी को भी चेकिंग के लिए रोक नहीं रही थी। मीडिया ने जब वहां तैनात महिला पुलिसकर्मी से पूछा तो उसने जवाब दिया कि मैं तो अपना काम कर रही हूं, जो बैग चैक करा रहे हैं उन्हें चेकिंग स्लिप भी दी जा रही है। जो चेकिंग नहीं करा रहे हैं उन्हें मैं कैसे बाध्य कर सकती हूं क्योंकि मैं तो काउंटर पर बैठी हूं। सभी यात्रियों के बैग, अटैची आदि चेक क्यों नहीं किए जा रहे हैं, इसके जवाब में पुलिसकर्मी ने कहा कि यह तो जीआरपी थाने से पूछिए। जब जीआरपी थाने में पूछा गया तो वहां से जवाब मिला कि सख्ती से चेकिंग की जा रही है। 
सीसीटीवी कैमरे दुरुस्त करें
पुलिस प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि शहर में विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं या नहीं। शहर के विभिन्न चौराहों पर ये कैमरे लगे हैं। केवल ट्रैफिक व्यवस्था में नहीं बल्कि कानून-व्यवस्था की दृष्टि से भी यह कैमरे काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। शहर के विभिन्न चौराहों से लेकर शहर के भीतर जाने वाले सभी मार्गों और टोल नाकों पर सीसीटीवी कार्य सही तरह से कर रहे हैं या नहीं इसे लेकर पर्याप्त सजगता बरतना होगी।
खुफिया तंत्र को होना होगा और भी सजग
मालवा क्षेत्र में सिमी और अन्य ऐसे संगठनों के द्वारा जो भी कार्य होते हैं उस पर खुफिया तंत्र की नजर होती ही है पर इस घटना के बाद यह साबित हो गया है कि अब मालवा क्षेत्र केवल बैठकों या योजना बनाने के लिए आदर्श स्थल नहीं बल्कि अब यहां पर भी घटनाएं हो रही हैं।
भीड़भरे बाजारों और मॉल्स पर विशेष निगाह
पुलिस को चाहिए की भीड़ भरी सभी जगहों जिनमें बाजारों से लेकर बड़े-छोटे सभी मॉल्स की सुरक्षा व्यवस्था को जांचे-परखे और उसमें आवश्यक सुधार भी करे। मॉल्स की पार्किंग में रखी जाने वाले सभी चार पहिया व दो पहिया वाहनों की सही तरह से जांच होना जरूरी है।
होली रंगपंचमी पर विशेष सतर्कता बरती जाए
आने वाले दिनों में होली व रंगपंचमी के मद्देनजर अब पुलिस को ज्यादा से ज्यादा सतर्कता बरतना जरूरी है क्योंकि भीड़ भरे माहौल में और रंगे-पुते चेहरों में कौन घटना को अंजाम दे जाए यह कहना मुश्किल है। इसके अलावा शहर में रंगपंचमी पर गेर निकालने की परंपरा है उस  दौरान भी सतर्कता बरतनी होगी।

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