बुजुर्गों को सोशल मीडिया से करीबी और दूरी के अर्थ समझाने होंगे
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केवल पुलिस की
नहीं सभी की जिम्मेदारी
(अनुराग तागड़े)
इंदौर। बदलते
सामाजिक ताने-बाने में घरों में एकाकी होते वरिष्ठजन अद्यतन होने की सनक के चलते
स्मार्ट फोन और कम्प्यूटर का उपयोग कर रहे हैं। इसके कारण वे अपने समय का सदुपयोग
भी कर रहे हैं परंतु जिस प्रकार से वे आॅनलाइन ठगी का लगातार शिकार हो रहे हैं
उससे साफ जाहिर है कि जिस टेक्नॉलॉजी को वे अपना दोस्त मानकर उपयोग कर रहे हैं वही
उनके लिए भीतरघाती साबित हो रही है। हाल ही में शहर में एक समाजसेविका को फेसबुक
पर दोस्ती के नाम से एक विदेशी ने फंसा दिया और उससे 43 लाख रुपए ऐंठ लिए थे।
दोस्तों की
संख्या बढ़ाने के चक्कर में किसी से भी दोस्ती
फेसबुक पर बुजुर्ग
इंटरनेट और सोशल मीडिया पर अपना अकाउंट बनाना सीख लेते हैं परंतु इसके बाद जब
फेसबुक पर फ्रेंड बनाने की बात आती है तब शुरूआती दौर में नाते-रिश्तेदारों के बाद
भी दोस्तों की संख्या कम होती है तब लाइक बढ़ाने के चक्कर में किसी भी फ्रेंड
रिक्वेस्ट को वे यस कर देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि फ्रेंड्स की सूची बढ़
जाती है और इनमें विदेशी दोस्तों की संख्या भी बढ़ जाती है पर इनमें से कई ऐसे भी
होते हैं फेसबुक से इन बुजुर्गों के बारे में संपूर्ण जानकारी निकाल लेते हैं और
उन्हें लॉटरी से लेकर सामाजिक सेवा के नाम से फंसा देते हैं। इससे परेशान बुजुर्ग
भी ह्यपरिवार वाले क्या कहेंगेह्य या समझ में नहीं आने के कारण इनके चुंगल में फंस
जाते हैं।
पहले से रखें
ध्यान
किसी भी प्रकार
का साइबर क्राइम होने के बाद लोग पुलिस के पास जाते हं लेकिन बुजुर्गों के मामले
में परिवार वालों को सबकुछ बता कर ही आगे बढ़ना चाहिए। खासतौर पर फेसबुक का
इस्तेमाल करते समय अपनी निजी जिंदगी के बारे या बैंक अकाउंट आदि के बारे में
जानकारी देने से बचना चाहिए। विदेशी और अनजान व्यक्तियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट की
ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना चाहिए। फेसबुक पर कोई भी व्यक्ति आपकी जन्म तारीख
देखकर बर्थडे विश कर सकता है उससे भी बचना चाहिए।
परिवार की
जिम्मेदारी
घर-परिवारों में
रिटायर्ड व्यक्ति के सोशल मीडिया का प्रयोग करने पर वाहवाही होती है। खासतौर पर
परिवार के युवा सदस्य इस बात को लेकर बेहद उत्साहित रहते हैं कि उनके दादा-दादी या
अन्य वरिष्ठजन इंटरनेट का या सोशल मीडिया का प्रयोग कर रहे हैं पर यह उन युवा
साथियों की भी जिम्मेदारी है कि वे समय-समय पर इन वरिष्ठजनों की सहायता करते रहें
और हो सके तो इनके सोशल मीडिया अकाउंट को देखें कि कहीं दुरूपयोग तो नहीं हो रहा
है।
बैंक अकाउंट
संबंधी जानकारी बिल्कुल न दें
सोशल मीडिया पर
बैंक अकाउंट संबंधी जानकारी बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए और जब तक पूर्ण रूप से
आश्वस्त न हों तब तक बैंकों के मोबाईल एप्लीकेशन का प्रयोग करते समय या तो सावधानी
बरतनी चाहिए या फिर घर के सदस्यों की सहायता लेना चाहिए। किसी भी अनजान व्यक्ति से
बिल्कुल भी सहायता नहीं लेनी चाहिए।
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