अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिए वैसी मानसिकता भी चाहिए

अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिए वैसी मानसिकता भी चाहिए
(अनुराग तागड़े)
अंतरराष्ट्रीय स्तर अगर कोई हवाई अड्डा संचालित हो रहा है तब उसके लिए कई अलग प्रकार के नियम होते है और वैसी सुविधाएं भी होती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने आरंभ करने की बात की है। दरअसल यह बाते गत पांच छ: वर्षों से चली आ रही है पर इन पर अमल होता है। हमें इस बात को सबसे पहले स्वीकारना होगा कि इंदौर और भोपाल से विदेश जाने वाले लोगो की संख्या इतनी नहीं है कि रोजाना की उड़ाने भरी जा सके। इसके अलावा हम संपूर्ण देश के विभिन्न शहरों से अच्छी तरह से घरेलू उड़ानो के माध्यम से जुड़ जाए तब भी काफी सुविधा हो सकती है। इंदौर में हर बार इन्वेस्टर्स मीट आयोजित होती है और हर बार हवाई अड्डे से उद्योगो के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर कार्गो डिपो आरंभ करने की बातभी होती है। कंपनिया चाहती है कि वे अपने उत्पादों को सीधे विदेश भेजे। दवाईयों से लेकर खानपान और अन्य सामानों को इंदौर से सीधे मध्यपूर्व व अन्य देशों को भेजने की बातें भी खूब हुई है परंतु इतने वर्षों में कभी भी इस पर अमल नहीं हो पाया है। 
पार्किंग हब बनाने की योजना भी खटाई में
घरेलू उड़ानो के लिए इंदौर को पार्किंग हब बनाने पर भी बातें खूब हुई थी। मुंबई और दिल्ली के हवाई अड्डो पर विमान पार्क करने के लिए अब उतनी जगह नहीं बची है लिहाजा इंदौर भोपाल जैसे हवाई अड्डे अपने आप को पार्किंग हब के रुप में विकसित कर सकते है जिसके कारण कनेक्टिविटी भी बढेगी और अतिरिक्त आय का एक जरिया भी मिलेगा।
एमआरओ की कल्पना भी कोरी ही निकली
इंदौर देश के बिल्कुल मध्य में है और इस कारण एम आरओ (मेंटेनेंस रिपेयर ओवरहॉल) केंद्र के रुप में इंदौर को विकसित किया जा सकता है। पीथमपुर के पास में ही होने के कारण जो भी कंपनी एमआरओ केंंद्र स्थापित करेगी उसके सप्लाई चैन से जुड़ी कंपनियों के लिए भी काफी आसानी होगी और पीथमपुर में वर्तमान कंपनियों के अलावा नई कंपनियों को भी मौका मिलेगा। इंदौर में इंजिनियर छात्रों की संख्या भी अच्छी खासी है और प्रदेश के युवाओं को एमआरओ सेंटर में रोजगार भी मिल सकेगा। 
हमें इंदौर और भोपाल को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिए उड़ाने आरंभ करने की मानसिकता को बदलना होगा और किस प्रकार से हम अपनी भौगोलिक स्थितियों के कारण कार्गो और एमआरओ सेंटर के रुप में विकसित हो इस ओर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय उड़ान आरंभ तो हो जाएगी परंतु हमारे पास अभी उतने यात्री नहीं है जो एयरलार्इंस को उतना बिजनेस दे पाएं। एक तरफ हम पार्किंग जैसे मुद्दो को लेकर विवाद की स्थितियां लगातार बनाते रहते है वही दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की बात करते है। हमें पूर्ण रुप से इस ओर ध्यान देना चाहिए कि किस प्रकार से इन हवाई अड्डो के माध्यम से हम राज्य में उद्योगो को बढ़ावा दे सकते है क्योंकि यात्रियों के विदेश जाने से राज्य को इतना फायदा नहीं होगा जितना फायदा इससे संबंधित उद्योग लगाने,एमआरओ केंद्र खोलने और कार्गों डिपो बनाने से होगा। राज्य शासन को इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का एमआरओ केंद्र बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए और इसके लिए बोइंग और एयरबस जैसी कंपनियों के साथ बात करना चाहिए।

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