कहां ले जा रहा है यह नंगापन?
नंगेपन की आवृत्ति बढ़ रही है। इंटरनेट से ेकर सार्वजनिक जीवन में नंगेपन को ले तरह तरह के विरोध और समर्थन हो रहे है और आश्चर्य की बात यह है कि नंगेपन को आधार बनाकर तमाम तरह की बाते हो रही है जिनमें गंभीरता कम व फुहडता की बाते ही ज्यादा हो रही हैै। इंटरनेट पर अश् ी ता का जा काफी ंबे समय से फै ा हुआ है पर गत एक वर्ष की ही बाते करे तो कई स्थापित साइट्स द्वारा अपनी हिट्स बढ़ाने के ि ए तमाम सीमाओं को पार कर अश् ी ता में डुबोकर ऐसी खबरे परोसने गे जो सामान्य रुप से नजर नहीं आती थी। कामुकता और नग्नता को बढ़ावा देती इन खबरो के कारण जाहिर है हिट्स भी बढे है। ये तो हुई इंटरनेट की बात जहां पर न कोई रोकटोक है और न ही किसी कार का तिबंध। अब कुछ दिन पूर्व ब्रिटेन के आक्सफोर्ड विश्वविद्या य के जुनियर वर्ग के छात्रो ने केंपस में ही नग्न होकर तस्वीरें खिंचवाई। वे नग्न होने के ि ए यह तर्क दे रहे है कि इससे तीसरी दुनिया के देशो की सहायता करेंगे। उनकी फोटो का कै ेंडर बनेंगा जिसे बेचा जाएगा। ठीक इसके विपरित हमारे देश में कानपुर शहर के चार कॉ ेजो में ड़कियों के कॉ ेज में जीन्स पहनकर आने पर तिबंध गाया गया और शिक्षिक...