मुकुल राय के माध्यम से कैलाश जी का कद बढेगा?


- कैलाश विजयवर्गीय को कोर्ट से राहत भी मिल चुकी है
(अनुराग तागड़े)
इंदौर। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी ने पश्चिम बंगाल की कमान सौपी थी। मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के तेवर और वहां पर टीएमसी कार्यकर्ता जिस प्रकार से व्यवहार कर रहे थे उससे साफ जाहिर था कि पश्चिम बंगाल में मामला वैसा नहीं है जैसा सोचा जा रहा था और पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम में यह बात सामने आ भी गई थी। इसके बावजुद भाजपा महासचिव ने लगातार पश्चिम बंगाल में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। वहां के बड़े दिग्गज भाजपा नेताओं के साथ मिलकर कैलाश विजयवर्गीय ने विरोध प्रदर्शन और धरने भी दिए। टीएमसी से इस्तीफा देने के बाद बड़े नेता मुकुल राय ने भाजपा का दामन थामा है। मुकुल राय भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से संपर्क में थे और उन्हें समारोह पूर्वक भाजपा में शामिल किया गया। भाजपा के लिए बंगाल में यह एक शुरुवात हो सकती है वही दूसरा पक्ष यह भी है कि मुकुल राय पर सारदा चिटफंड घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा हुआ था और सीबीआई की जांच में भी उनका नाम है इस कारण उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है। वही ममता बेनर्जी ने मुकुल राय को क्यों जाने दिया यह प्रश्न भी बड़ा रोचक है। ममता बैनर्जी यह पहले ही कह चुकी है कि बीजेपी उनके नेताओं को तोड़ सकती है। यहां पर कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका महत्वपूर्ण है जिन्होंने पश्चिम बंगाल में जहां एक ओर टीएमसी से सीधे लोहा लिया वही मुकुल राय को लेकर पश्चिम बंगाल भाजपा के भीतर जो भी कुछ चल रहा था उसे भी संभाला। मुकुल राय भाजपा में आने की चर्चा गत कुछ दिनों से थी पर इसे लेकर पश्चिम बंगाल भाजपा के भीतर ज्यादा उत्साह नहीं था। कारण साफ था क्योंकि चिटफंड घोटाले और सीबीआई की जांच में मुकुल राय का नाम था। यही कारण था कि मुकुल राय को लेकर भाजपा के भीतर ही सोच एक नहीं हो पा रही थी। कुछ समय पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे में उन्होंने यह साफ कह दिया था कि सभी के लिए भाजपा के दरवाजे खुले रखो। इस नीति के कारण टीएमसी के भीतर भी अजीब घबराहट फैल गई और ममता बैनर्जी को यह डर बैठ गया है कि आगामी पंचायत चुनाव और उसके बाद लोकसभा और फिर विधानसभा चुनावो तक भाजपा अपना काडर बेस बढा सकती है। जिस प्रकार से भाजपा ने अब आक्रमक रुख पश्चिम बंगाल में अपना लिया है उससे साफ जाहिर है कि भविष्य में पार्टी का ध्यान इस राज्य पर बहुत ज्यादा रहेगा। वही दूसरी ओर मुकुल राय के पार्टी में आ जाने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि टीएमसी के दूसरे बड़े नेताओं से संपर्क करने के लिए भाजपा को आसानी होगी। आगे आने वाले कुछ महीनों में टीएमसी के कई नेता भाजपा में शामिल होते नजर आएंगे और इसमें भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका महत्वपूर्ण होगी । 

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